The satsang of the complete saint is the dose of the soul.
कबीर साहेब ही परमेश्वर हैं और वे ही सभी आत्माओं के जनक हैं। इस परमात्मा ने छः दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन तख्त पर जा विराजे यह तख्त सामान्य नहीं हैं ये वो तख्त है जिसपे अनन्त कोटि ब्रह्मांड के स्वामी विराजमान हैं और अपनी दिव्य शक्ति के द्वारा सारे ब्रह्मांडों को गतिशील और नियमानुसार चला रहे हैं। ये बातें न तो हम बता सकते और न कोई अन्य प्राणी बता सकते ये बातें तो हमारे सदग्रन्थ खोलकर बताते हैं या फिर वो परम शक्ति आकर के बताती है जो कि या तो स्वयं आते हैं या अपना कोई प्रतिनिधि चुनकर भेजते हैं वो बताते हैं इस समय वर्तमान में संत सतगुरु के रूप में रामपाल जी महाराज जी को वो अपनी सारी शक्ति देकर भेजा हुआ है इस समय किसी की समझ में आए तो अच्छी बात है नहीं समझ में आवे तो उनके कर्म अधिक बिगड़े हुए हैं जिनसे वो उस परम शक्ति को नहीं पहिचान पा रहे हैं लेकिन समय पर पहिचान लिया तो ठीक है और समय निकलने पर पहिचाना तो समय ने किसीको भी नहीं बख्सा है समय के अनुसार ही सारे काम चलते हैं उनको समय की भयंकर मार खानी पड़ेगी।उस समय पश्चाताप के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं होना है। अतः ह