शास्त्र विरुद्ध साधना(गलत भगति) से 84 लाख योनियां तैयार है
जो लोग शास्त्र विरुद्ध भक्ति साधना करते हैं वह केवल अपनी मनमानी पूजा है उससे कोई लाभ नहीं होता वह लाभ तो उनके कर्मों में लिखा हुआ पहले से होता है जो उनको उस वर्तमान वाली साधना को तवज्जो देते हैं आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव से व्यक्ति उस गलत वाली साधना को ही मोक्ष दायक मानकर भक्ति कर रहा होता है यदि उसको किसी प्रकार का लाभ नहीं होता तो वह धीरे-धीरे नास्तिकता की ओर चला जाता है और भगवान को भूल जाता है शास्त्र अनुकूल साधना अपनाने पर असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं इसके लिए अवश्य देखिए संत रामपाल जी महाराज केेेेेे मंगल प्रवचन साधना tv पर 7.30 pm